Seo Tutorial In Hindi Full Guide for beginners 2023

Seo Tutorial In Hindi: किसी भी website या blog पर traffic लाने के कई तरीके होते है। इनमे से सबसे BEST तरीका है SEO. SEO किसी भी Website या Blog का organic traffic increase करने में सहायक होता है। अगर आप एक नए ब्लॉगर है और SEO सीखना चाहते है तो मैं आपको सबसे पहले बता देना चाहूँगा की SEO प्रैक्टिस की चीज होती है न की सिर्फ पढ लेने या उसके बारे में जान लेने से होता है। इस Seo Tutorial In Hindi guide for beginners में मैं आपको कुछ simple example के साथ seo की बारीकियों के बारे में बताऊंगा जिनको प्रैक्टिस कर के आप SEO को आसानी के साथ समझ व सीख सकते है.

Seo Tutorial In Hindi :

SEO तीन अक्षरों से बना एक शब्द आज ब्लॉगर और वेबसाइट चलाने वालों के लिए एक जादुई चिराग से कम तो बिलकुल नहीं है। हर कोई चाहता है कि वह SEO EXPERT बन जाये और अपनी वेबसाइट सर्च इंजन में टॉप में ले आये। दोस्तों अगर आप इस फील्ड में बिकुल भी नए है और SEO सीख रहे है तो आज का यह लेख आपको search engine optimization के बार में बहुत हद तक सकारात्मक जानकारी देने वाला सिद्ध होगा। मैं आपको बिलकुल सारा भाषा में इस लेख की जानकारी देने वाला हूँ। इस SEO Tutorial in Hindi के माध्यम से मैं आपको उन 7 factors के बारे में बताऊंगा जो किसी भी blog ya website ko search me top par lane में आपकी मदद करेंगी.

सबसे पहले संक्षिप्त में जान लेते है SEO क्या होता है?

SEO In Hindi / SEO Kya hai?

Seo ka full form search engine optimization होता है इसका मुख्य उद्देश्य website या blog को सर्च इंजन में index और rank कराना होता है जिससे कि वेबसाइट पर organic traffic increase हो.

SEO दो प्रकार का होता है. 1. On-page SEO 2. Off-Page SEO

On-page SEO क्या है? 

On page SEO से मतलब उन सारे कामों से होता है जो हम किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट में करते है। हम जब भी कोई ब्लॉग बनाते है या फिर आर्टिकल लिखते है तो हमारा उद्देश्य यही होता है कि वह google में index हो जाये और एक अच्छी पोजीशन में रैंक करे। इसके लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज On page SEO है। On-page SEO में जो सबसे महत्वपूर्ण अभ्यास की चीजे है वो है title tags, content, internal links और URLs.

Title tags:

हम जब भी कोई चीज गूगल में सर्च करते है तो हमें सर्च में वह वेबसाइट सबसे पहले दिखाई देती है जिनका Title हमारे द्वारा सर्च किये गए कीवर्ड के सम्बंधित होता है। यह एक on page seo का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Content

किसी पेज का कंटेंट ही उसे सर्च में लाने योग्य बनाती है। यूजर जिस सामग्री को सर्च इंजन में खोजता है यदि वह कंटेंट आपके द्वारा बनाए गए पेज पर उपलब्ध है और उसको proper seo format में लिखा गया है तो यह आपके पेज को सर्च में स्थान दिलाता है। आप जिस भी कंटेंट पर जानकारी दे पूरी दें यूजर को अधूरी जानकारी मिलने की स्थिति में वह आपे पेज को छोड़ दता है और फिर सर्च में एक नए रिजल्ट को खोज में निकल जाता है। यह सर्च इंजन में आपकी वेबसाइट की रैंकिंग में एक नकारात्मक अंक जोड़ता है।

Internal links

Internal links से मतलब यह है कि हम जब भी कोई आर्टिकल लिखते है या पेज बनाते है तो उस आर्टिकल से सम्बंधित अन्य जानकारियों का लिंक देना Internal linking कहलाता है। यह कई मायने में वेबसाइट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। उदाहरण के लिए मान लीजिये आप यहाँ पर Seo Tutorial In Hindi का लेख पढ़ रहे है और आप अपनी वेबसाइट का ट्राफिक बढ़ाना चाहते है तो जाहिर सी बात है आप जरुर जानना चाहेंगे blog website ko google ke First Page Pe Kaise Laye. इसके लिए आपको यह लेख पढना होगा। इससे आपकी वेबसाइट का ट्रस्ट फ्लो इनक्रीस होता है, पेज व्यूज बढ़ते है और बाउंस रेट भी कम होता है। यह आपके पेज एक्सपीरियंस को भी बढ़ता है।

URLs:

किसी भी पेज या आर्टिकल का लिंक उसके title और आर्टिकल में दी गयी जानकारी के सामान ही होना चाहिए। कोशिश करे हमेशा आर्टिकल का लिंक unique और आर्टिकल के relevance ही होना चाहिए।

तो दोस्तों यह तो On-page SEO के बारे में था अब जानते है..

Off-Page SEO क्या होता है?

ऑफ़-पेज एसईओ को “Off site SEO भी कहते है। यह किसी भी सर्च इंजन में रैंकिंग को प्रभावित करने वाले बाहरी कारणों पर निर्भर करता है। यह बाहरी कारण सोशल, मीडिया, बैकलिंक इत्यादि कारकों पर निर्भर करता है। Off-Page SEO किसी भी सर्च इंजन को यहाँ बताता है दूसरी वेबसाइट पर आपकी वेबसाइट के महत्वपूर्ण लिंक उपलब्ध है, जिससे किसी भी सर्च इंजन को यह समझना आसान हो जाता है कि आपकी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी कितनी महत्वपूर्ण है। आप जितने ज्यादा क्वालिटी लिनक्स बनायेंगे आपकी रैंकिंग उतनी ही बढ़िया होगी।

SEO Best Practice Tutorial in Hindi :

ऐसे तो SEO के लिए कई सारे फैक्टर काम करते है TLD, Domain Age, Domain Authority etc लेकिन मैं आपको इस SEO Tutorial In Hindi में “7 best SEO factor” के बारे में बताने जा रहा हूँ जिनको कर के आप अपनी वेबसाइट को सर्च इंजन में बहुत जल्दी index करा सकते है, साथ ही अपनी वेबसाइट या पोस्ट को Search Engine ki Rank में ऊपर ला सकते है. आइये जानते है SEO Tutorial In Hindi में क्या है वो best 7 seo factor.

  1. Keyword Research
  2. Competitor Analysis
  3. Keyword Focus
  4. Backlinks
  5. Website Analysis
  6. Social Media
  7. Page Speed

Note : अगर आपकी वेबसाइट या ब्लॉग बिलकुल नया है और अभी तक आपकी साईट google search me index नहीं है तो सिम्पली site:yoursite.com (yoursite.com की जगह अपनी वेबसाइट का domen) को गूगल में सर्च करे. ऐसा करने से गूगल आपकी website को maximum 1 दिन के अंदर crawl कर लेगा और आपकी साईट गूगल में index हो जाएगी.

Seo tutorial in hindi

1. Keyword Research: keyword रिसर्च के लिए आम तौर पर हम “google keyword planner tool” का प्रयोग करते है जोकि best tool हैं. जिसमे हमें keyword पर monthly searches के साथ competition और cpc का अनुमान भी मिल जाता है. मैं google keyword planner tool के साथ Moz Keyword explore का भी प्रयोग करता हूँ क्यूँ इसमें मुझे keyword पर difficulty के साथ-साथ opportunity का भी अंदाज़ा लग जाता है. जिससे पोस्ट लिखने में आसानी होती है. हालाँकि moz का ये टूल पेड है फिर भी moz हमें 1 दिन में 2 keyword analysis करने के लिए मुफ्त में यह सुविधा देता है. इसलिए पहले गूगल keyword planner tool से हम अपना keyword select करते है फिर उस keyword को मोज में एनालिसिस करते है.

seo in hindi
seo in hindi

2. Competitor Analysis : Keyword selection के बाद Competitor की website या उसकी post का Analysis करते है जिससे हमें यह अंदाज़ा लग जाता है कि हम जिस topic या keyword पर ब्लॉग लिखने जा रहे है उस keyword पर हमें कितना कम्पटीशन करना होगा. इसके लिए मैं moz के साथ साथ ahrefs tool का प्रयोग करता हूँ. जहाँ moz के बारे में ऊपर बता चूका हूँ वही ahrefs से हमें हमारी Competitor website के backlink, referring domains,  anchor text की पूरी जानकारी मिल जाती है जिससे हम अपनी Competitor site से better seo करने की कोशिश करे तो हम अपनी Competitor को कड़ी टक्कर दे सकते है.

3. Keyword Focus : Competitor Analysis करने के बाद हम अपना ब्लॉग उस topic पे लिखते है जो हमने keyword planner tool से सेलेक्ट किया है. हम अपनी पोस्ट में अपने select किये हुए keyword पर फोकस करते है जैसे कि ब्लॉग के description में keyword को bold में प्रयोग करना, body text में keyword का use करना, italic, strikethrough, H1-h6 हैडिंग में कीवर्ड का प्रयोग यदि संभव हो. ये tectis आपके keyword को highlight करती है जिससे की गूगल आपके ब्लॉग की पोस्ट को उतना ही focus करता है जितना की आपने कीवर्ड को अपने ब्लॉग में फोकस किया है.

4. Backlinks : ब्लॉग को लिखने के बाद हम अपनी पोस्ट के लिए backlink generate करते है. Backlink generate करने के बहुत सारे तरीके है जैसे की अपनी पोस्ट से related दूसरी पोस्ट पे comment करना, directory submission, guest posting इत्यादि. दुसरे के ब्लॉग पर Comment जरूर करे इससे हमें nofollow backlink मिलता है जो की हमारी साईट को कुछ न कुछ potency ही देता है. इससे हमें फायदा ही होता है न की नुक्सान. इसलिए commenting जारी रखे.

5. Website Analysis : वेबसाइट एनालिसिस के लिए google analytics का प्रयोग करते है जिससे हमें अपने ब्लॉग या वेबसाइट पर आने वाले ट्रैफिक का सोर्स, बाउंस रेट, साईट पर यूजर द्वारा स्पेंड किया गया समय इत्यादि बातों की पूरी जानकारी मिल जाती है जिससे हमें हमारी साईट पर आने वाले यूजर की रूचि का भी अंदाज़ा मिल जाता है और यूजर किस तरह की पोस्ट को ज्यादा पसंद करता है.

6. Social Media : वेबसाईट का traffic increase करने में सोशल मीडिया भी एक बहुत अच्छा माध्यम है. जहा हमें facebook, twitter, google plus जैसे बड़े social networking site से backlink तो मिलता ही है साथ में हम अपनी पोस्ट को कम्युनिटी, पेजेज, ग्रुप के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने द्वारा शेयर की गयी जानकारी को पंहुचा सकते है. इसलिए social networking site पर हमेशा एक्टिव रहे ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपने साथ जोड़े. ऐसे ग्रुप्स को ज्वाइन करे जिनमे users की संख्या ज्यादा हो.

7. Site Speed: हाल के दिनों में जब से google से page experience का फीचर लांच किया है तब से बहुत से ब्लॉगर अपनी वेबसाइट की स्पीड को लेकर बहुत सतर्क हो गए है। किसी भी वेबसाइट की पेज स्पीड कितनी मायने रखती यह उन्हें अब समझ में आ रहा है। मुझे यहाँ बताने की ज्यादा आवश्यकता नहीं है कि पेज स्पीड का यह फैक्टर किसी भी वेबसाइट को रैंक कराने में कितना महतवपूर्ण कारणों में से एक है।

अपपनी वेबसाइट की स्पीड कैसे बढ़ाये यह मैं आपको अगले लेख में बताऊंगा। आपको Seo Tutorial In Hindi Full Guide for beginners 2022 की जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट्स में जरुर बताये।

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